मन को राधे गोविंद के विचारों में लगाना भी शरीर को राधे गोविंद की सेवा में संलग्न करने के समान है ! भाई श्री सन्तोष सागर जी #सुविचार #Bhaishri #Bhaishrisantoahsagarji
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मन को राधे गोविंद के
विचारों में लगाना भी
शरीर को राधे गोविंद की
सेवा में संलग्न करने के
समान है !
भाई श्री सन्तोष सागर जी
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